प्रभावशाली शक्ति के बावजूद रेप आरोपी पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका; जमानत नहीं मिली

रेप और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में फंसे पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि प्रज्वल रेवन्ना एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और ऐसे व्यक्तियों को जमानत देना उचित नहीं होगा। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने स्पष्ट कर दिया कि कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश में कोई दखल नहीं दिया जाएगा।

प्रज्वल रेवन्ना के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि शुरुआती शिकायत में आईपीसी की धारा 376 नहीं लगाई गई थी, लेकिन बेंच ने उनकी इस दलील को खारिज करते हुए छह महीने बाद कोर्ट जाने की छूट देने से इनकार कर दिया। इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी रेवन्ना की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

Supreme Court

2144 पेज की चार्जशीट में गंभीर आरोप

अगस्त महीने में एसआईटी द्वारा रेवन्ना के खिलाफ 2144 पेज की चार्जशीट फाइल की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके घर में काम करने वाली महिला का उन्होंने यौन शोषण किया। इसके अलावा, चार्जशीट में दो अन्य यौन उत्पीड़न के मामलों का भी उल्लेख है। लोकसभा चुनाव से पहले रेवन्ना के कुछ आपत्तिजनक वीडियो लीक हुए थे, जिससे मामला और तूल पकड़ गया था।

परिवारिक प्रतिष्ठा के बावजूद नहीं मिली राहत

रेवन्ना कर्नाटक के जद (एस) विधायक एच डी रेवन्ना के पुत्र और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं। हालांकि परिवारिक प्रतिष्ठा के बावजूद, उनके खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों को लेकर जमानत मिलने में कठिनाई हुई।

कई महिलाओं का किया उत्पीड़न

रेवन्ना पर आरोप है कि उन्होंने कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और उन घटनाओं का वीडियो भी बनवाया। लोकसभा चुनाव से पहले उनके वीडियो लीक होने के बाद वे अचानक गायब हो गए थे। बाद में उन्होंने एक वीडियो संदेश के माध्यम से खुद को निर्दोष बताया और सरेंडर किया था।

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