ऑफिस में स्विगी से मंगवाया कंडोम, पैकिंग देख शर्मिंदा हुआ शख्स; रैडिट पर साझा किया दर्द

दिल्ली के एक शख्स की कहानी आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। एक सामान्य सी जरूरत के चलते स्विगी इंस्टामार्ट से कंडोम ऑर्डर करना उनके लिए ऐसा अनुभव बन गया, जिसे वह शायद कभी भूल नहीं पाएंगे।

कंडोम खरीदना आज भी क्यों बनता है मजाक?

यह बात सच है कि कंडोम खरीदना या इस्तेमाल करना सामान्य और जिम्मेदार कदम है। लेकिन, सार्वजनिक रूप से इसके बारे में बात करना या इसका जिक्र आज भी कई लोगों को असहज कर देता है। कुछ ऐसा ही हुआ दिल्ली के मनन सिंह के साथ, जिन्होंने अपना अनुभव रैडिट पर साझा करते हुए लिखा कि स्विगी इंस्टामार्ट से मंगाया गया उनका कंडोम ऑफिस में शर्मिंदगी का कारण बन गया।

कहानी की शुरुआत: नैनीताल के सफर की तैयारी

मनन ने लिखा कि वह ऑफिस का काम खत्म करके सीधे नैनीताल जाने वाले थे। उन्होंने सोचा कि सफर के लिए कुछ जरूरी चीजें पहले से मंगवा ली जाएं। इसी दौरान उन्होंने स्विगी इंस्टामार्ट का इस्तेमाल करके कंडोम ऑर्डर किया।

डिलीवरी बॉय ने कॉल किया, लेकिन मनन अपने काम में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि यह पैकेट रिसेप्शन पर छोड़ दिया जाए। सब कुछ सामान्य था, लेकिन जब मनन रिसेप्शन पहुंचे तो उन्हें जो नजारा दिखा, उसने उन्हें असहज कर दिया।

गुलाबी पॉलीथिन में रखा कंडोम बना चर्चा का विषय

मनन ने देखा कि कंडोम का पैकेट एक गुलाबी पॉलीथिन में खुलेआम रखा हुआ था। इस दृश्य ने उन्हें शर्मिंदा कर दिया। उन्होंने लिखा, “कंडोम खरीदना बड़ी बात नहीं है, लेकिन पैकिंग का ऐसा हाल? ब्लिंकिट हमेशा इसे सफेद पैकेट में लाता है। मैंने सोचा स्विगी भी ऐसा ही करेगा। पर ऐसा नहीं हुआ।”

“ऑफिस का माहौल कैसा हो गया होगा?”

मनन ने बताया कि उन्हें ऐसा लगा जैसे अब पूरा ऑफिस उन्हें जज करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शायद लोग सोचेंगे कि वह लापरवाह हैं या काम के प्रति गंभीर नहीं।

उन्होंने गुलाबी पॉलीथिन में रखे कंडोम की तस्वीर भी पोस्ट की, जो अब वायरल हो रही है। इस पोस्ट पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रियाएं दीं।

रैडिट पर लोगों की राय: सहानुभूति से लेकर मजाक तक

  • एक यूजर ने लिखा, “ऑफिस में कंडोम ऑर्डर कौन करता है?”
  • दूसरे ने कहा, “अगर रिसेप्शनिस्ट को असहजता हुई होती, तो POSH के तहत कार्रवाई हो सकती थी।”
  • वहीं, एक यूजर ने सहानुभूति जताते हुए कहा, “गलती आपकी नहीं है। स्विगी को पैकिंग पर ध्यान देना चाहिए।”
  • किसी ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में लेते हुए लिखा, “कम से कम यह अमेज़न फ्रेश से बेहतर है।”

दूसरों ने भी साझा किए अपने अनुभव

यह मामला सामने आने के बाद कई लोगों ने अपने मजेदार लेकिन असहज अनुभव साझा किए।

  • एक शख्स ने लिखा, “मैंने अमेज़न फ्रेश से ऑर्डर किया था। डिलीवरी बॉय ने सीधे मेरी नौकरानी के हाथ में कंडोम का पैकेट थमा दिया। सोचिए, मेरी क्या हालत हुई होगी।”
  • दूसरे ने कहा, “जेप्टो से ऑर्डर किया था। डिलीवरी बॉय ने मकान मालिक के सामने ही पैकेट खोलकर फोटो खींच ली।”

क्या इस घटना से हमें कुछ सीखना चाहिए?

इस घटना से दो बड़े सवाल खड़े होते हैं:

  1. गोपनीयता का ध्यान कौन रखेगा?
    जब कंपनियां ग्राहकों की निजी जरूरतों को पूरा करने का वादा करती हैं, तो पैकेजिंग जैसी बुनियादी बातों का ख्याल रखना उनकी जिम्मेदारी है।
  2. सामाजिक असहजता कब खत्म होगी?
    कंडोम खरीदना या इस्तेमाल करना जिम्मेदारी का संकेत है। लेकिन इसे लेकर असहजता और शर्मिंदगी का माहौल क्यों?

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